बिहार मे अब बड़े भाई कि भूमिका मे नहीं रहे नीतीश कुमार।  

बिहार एनडीए ने औपचारिक रूप से बिहार में अपने सीट-शेयर फॉर्मूले की घोषणा की, जिसने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कि बड़े भाई कि भूमिका को समाप्त करते हुए भाजपा को 17 सीटों पर चुनाव लड़ने के साथ राज्य में ‘बड़े भाई’ के रूप में मजबूती से खड़ा कर दिया। नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड, जो पहले बिहार एनडीए गठबंधन में ध्रुव की स्थिति में थी, वो इस लोकसभा मे बीजेपी से काम 16 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। रामविलास पासवान के पुत्र व जमुई सांसद चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी 5 सीटों पर चुनाव लड़ेगी , हालाँकि चिराग को एलजेपी की मौजूदा सीटों में से एक नवादा को बीजेपी के लिए छोड़ना पड़ा। वही वर्तमान में हाजीपुर के सांसद और चिराग के चाचा पशुपति पारस NDA से अपने राष्ट्रीय एलजेपी गुट के लिए कोई सीट पाने में असफल रहे लेकिन पारस लगातार भारतीय खेमे के संपर्क में हैं, यदि वे पाला बदलते हैं तो हाजीपुर में चिराग और पारस के बीच लड़ाई हो सकती है, जिस सीट का राम विलास ने नौ बार प्रतिनिधित्व किया है। उपेन्द्र कुशवाह की आरएलएम और जीतन राम मांझी की हिंदुस्तान अवाम मोर्चा को एक-एक सीट मिली है।

वो 17 सीटें जिन पर BJP लड़ेगी चुनाव 

सारण,पटना, उजियारपुर, साहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सूर, नवादा, महाराजगंज, पश्चिम चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, औरंगाबाद, बेगुसराय, सासाराम, मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, और अररिया

 

 इन 16 सीटों पर चुनाव JDU लड़ेगी

गोपालगंज, सीवान, भागलपुर, बांका, मुंगेर, नालन्दा, जहानबाद, सुपौल, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, मधेपुरा, बाल्मिकी नगर, सीतामढी, झंझारपुर और शिवहर

चिराग पासवान पांच सीटों पर लड़ेंगे चुनाव जो की खगड़िया, जमुई, वैशाली, हाजीपुर और समस्तीपुर

वही उपेंद्र कुशावाहा की पार्टी करकट सीट पर चुनाव लड़ेगी, इसी तरह लोकसभा

2019 LOKSABHA चुनाव में NDA ने कुल 40 मे से 39 सीटें जीती थी

वहीं, साल 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए (भाजपा, जदयू और एलजेपी) ने शानदार जीत हासिल करते हुए 39 सीटें जीती थी. NDA ने बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 39 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि महागठबंधन के खाते में केवल एक किशनगंज सीट थी. जिस पर कांग्रेस के उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी.

 

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